आप जानते ही हैं कि भारत एक बहुसांस्कृतिक देश (multicultural country) है, यही कारण है कि भारत में दिवाली मनाने के कई अलग-अलग तरीके हैं। लोग इसे लक्ष्मी पूजा के रूप में वर्णित करते हैं।
भारत में दिवाली सभी लोग मनाते हैं, लेकिन इस त्यौहार का एक सामाजिक महत्व भी है, चाहे वे इसे कैसे भी सेलिब्रेट करें। यदि आप किसी कारण वश निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि भारत में दिवाली का सबसे अच्छा अनुभव करने के लिए किस स्थान पर जाना है, तो हम आपको ऐसी पांच जगहों के बारे में बताऊंगा, जहां आपको दीवाली मनाने में आनंद आएगा।
भारत में दिवाली मनाने के लिए सर्वोत्तम स्थान:
वाराणसी
दिवाली त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है, लेकिन सबसे ख़ास उत्सव वाराणसी में होता है, खासकर वनारसी के अस्सी घाट में। वाराणसी में पवित्र मां गंगा के घाट पर दीवाली का एक अलग ही आनंद होता है। चारों तरफ गंगा के घाटों पर रौशनी फैली हुई होती है, जिसको आंखो में समा लेने का मन करता है।
दीवाली के दो सप्ताह बीत जाने के बाद, एक दिलचस्प घटना घटती है। यह रिवाज़ केवल वाराणसी में मनाया जाता है, जिसे देव दीपावली के नाम से जाना जाता है, जो राक्षसी त्रिपुरासुर पर भगवान शिव की जीत की याद दिलाता है। इस दिन गंगा घाटों पर उपासकों, दीपों, मोमबत्तियों और धार्मिक उत्साह से भीड़ रहती है।
जयपुर
दीवाली त्यौहार पर जयपुर का नाम न आए ऐसा कभी नहीं हो सकता है, क्योंकि जयपुर गुलाबी शहर के नाम से मशहूर है। यहां की दिवाली शाही महलों में मनाई जाती है, जहां के गुलाबी शाही महल दिवाली के दिन देखते ही बनते हैं। दिवाली के दिन यहां लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं।
तमिलनाडु
तमिलनाडु, जहां भगवान राम ने रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी, इसलिए तमिलनाडु की दिवाली पूरे भारत से अलग होती है। यहां दीपावली उत्सव की शुरुआत तेल स्नान से होती है और सूखे या गीले पाउडर चावल से बनी जीवंत कोलम रंगोली से इसकी सजावट की जाती है। लोग मिट्टी के दीये जलाते हैं। कांचीपुरम में कामाक्षी मंदिर, मदुरै में मीनाक्षी मंदिर, साथ ही तिरुचिरापल्ली में रंगनाथस्वामी मंदिर की दिवाली की भव्यता चरम पर होती है। अगर आप तमिल दिवाली और वहां के रहन सहन को देखना चाहते हैं तो आपको इस बार दिवाली पर वहां आवश्य जाना चाहिए।
उदयपुर
उदयपुर, राजस्थान का एक सुंदर शहर है, जहां के शाही महलों और सुंदर झीलों की सुन्दरता देखते ही बनती है। जब यहां दिवाली त्यौहार मनाया जाता है तो इसका आकर्षण ही अलग होता है। शहरवासियों द्वारा आकाश में गुब्बारे और आतिशबाजी उड़ाई जाती है, जिससे दर्शकों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। पिछोला झील के किनारे आप भी जाकर आनंद ले सकते हैं। उदयपुर पैलेस, जो अलग अलग तरह को रोशनी से जगमगाता है और गूढ़ प्रतीत होता है, इसको भी अवश्य देखना चाहिए।
अमृतसर
अमृतसर में भी दिवाली बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, अमृतसर सिखों के लिए ख़ास है, यहीं गुरू नानक जी का जन्म हुआ था। लोग हरमंदिर साहिब में पूजा (भक्ति प्रार्थना) और दीपक जलाने के लिए इकट्ठा होते हैं। स्वर्ण मंदिर में दिवाली बड़े धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं। लोग रात में आसपास के अन्य मंदिरों में भी पूजा करने जाते हैं। अगर आप दिवाली मनाने के लिए बाहर जा रहे हैं तो अमृतसर की दिवाली भी आपके लिए ख़ास हो सकती है। क्योंकि यहां आतिशबाजी और संगीत का समा बंधा हुआ होता है।