किंग्स वे से कर्तव्य पथ बनने तक का इतिहास, गुलामी की जंजीरें तोड़ता नया भारत

राजपथ क्या है?

राजपथ (Raahpath), जिसे अब कर्तव्य पथ (kartavya path) के नाम से जाना जायेगा। इसको पहले किंग्स वे के नाम से भी पहचाना जाता था। वैसे तो राजपथ नई दिल्ली में एक औपचारिक बुलेवार्ड है, जोकि रायसीना हिल पर राष्ट्रपति भवन से विजय चौक और इंडिया गेट, नेशनल वॉर मेमोरियल से नेशनल स्टेडियम, दिल्ली तक पहुंचता है। एवेन्यू के दोनों तरफ विशाल लॉन, नहरों और पेड़ों की पंक्तियों का एक सुंदर सा घेरा है। यह भारत की सबसे अधिक लोकप्रिय और महत्त्वपूर्ण सड़क है। क्योंकि इसी सड़क से भारत की 26 जनवरी की वार्षिक गणतंत्र दिवस परेड निकलती है।

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रायसीना हिल्स की पहाड़ी पर चढ़ने के बाद, राजपथ उर्फ कर्तव्य पथ सचिवालय भवन के उत्तर और दक्षिण ब्लॉकों से घिरा हुआ है। अंत में यह भारत के राष्ट्रपति भवन के गेट पर समाप्त होता है। दिल्ली के विजय चौक पर यह संसद मार्ग को पार करती है, और इंडिया गेट से आने पर भारतीय संसद भवन को दाईं ओर देखा जा सकता है।

राजपथ का उपयोग भारत के प्रमुख राजनीतिक नेताओं या महान देश सेवकों के अंतिम संस्कार के जुलूसों के लिए भी किया जाता है।

राजपथ अस्तित्व में कैसा आया?

ब्रिटिश भारत के दौरान, सन 1911 में ब्रिटिश सरकार और वायसराय प्रशासन ने भारत की राजधानी कोलकाता से हटाकर नई दिल्ली में स्थानांतरित की। जहां उन्होंने सर एडविन लुटियंस की मदद से एक नए आधुनिक शाही महल के निर्माण की आधारशिला रखी। लुटियंस ने एक “औपचारिक धुरी” के आसपास केंद्रित एक आधुनिक शाही शहर की कल्पना की, इस तरह की धुरी अब राजपथ कहलाने वाला बड़ा बुलेवार्ड है।
राजपथ के करीब की अधिकतर भवन लुटियंस और परियोजना के दूसरे वास्तुकार सर हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन हैं।

राजपथ नाम क्यों रखा गया?

राजपथ नाम के पीछे एक खास किस्सा है, जब ब्रिटिश भारत के सम्राट जॉर्ज पंचम भारत आए थे तब उनके सम्मान में सड़क का निर्माण किया गया, तब अंग्रेजों ने इसका नाम किंग्स वे या किंग्सवे रखा। सम्राट जॉर्ज पंचम 1911 के दरबार के दौरान दिल्ली आए थे, उन्होंने ही नई दिल्ली को भारत की राजधानी घोषित किया। भारत में सड़क का नाम किंग्स वे एडवर्ड सप्तम से प्रभावित है। क्यों कि राजपथ नाम की सड़क का भी लंदन में नाम किंग्सवे के समान था, जिसे 1905 में खोला गया था और जिसका नाम जॉर्ज पंचम के पिता एडवर्ड सप्तम (यूनाइटेड किंगडम के राजा के रूप में) के सम्मान में रखा गया था।

किंग्स वे का हिंदी अनुवाद क्या होगा?

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, किंग्स वे नाम को राजपथ नाम से बदल दिया गया। दरअसल किंग्स वे का हिंदी अनुवाद राजपथ होता है। जबकि भारत एक लोकतन्त्र हैं। जहां लोगों का शासन माना गया है। राजपथ राजाओं के लिए जाना जाता था।

राजपथ के कर्तव्य पथ बनने की शुरूआत कब हुई?

पीएम मोदी ने पिछले साल सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की शुरूआत की थी। जोकि सितंबर 2022 में, सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत राजपथ सड़क का पुनर्विकास किया गया और अब मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर कार्तव्य पथ रखा गया।

कुछ महत्वपूर्ण बातें

1.राष्ट्रपति भवन, वर्तमान में भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास होता है। जबकि भारत को ब्रिटेन से स्वतंत्रता मिलने से पहले यह आधिकारिक तौर पर वायसराय का निवास था।

2.भारत में नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक फैमस नाम हैं, इन्हें सचिवालय भवन भी कहा जाता है। क्योंकि नॉर्थ ब्लॉक में वित्त और गृह मंत्रालयों के कार्यालय हैं। जबकि साउथ ब्लॉक विदेश मामलों और रक्षा मंत्रालयों के कार्यालय हैं। प्रधान मंत्री कार्यालय भी सचिवालय भवनों में हैं।

3.भारत का विजय चौक एक विशाल प्लाजा और बीटिंग द रिट्रीट समारोह का स्थल है, जो हर साल 29 जनवरी को सुर्खियों में रहता है, क्योंकि 29 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के अंत का प्रतीक है, इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के राष्ट्रपति के साथ नौसेना और वायु सेना के बैंड भाग लेते हैं।

4.कर्तव्य पथ के महत्व को आप इस तरह समझ सकतें हैं कि इंडिया गेट पर प्रथम विश्व युद्ध और दूसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में मारे गए लोगों के सम्मान में भारत का युद्ध स्मारक मेहराब बना हुआ है। यह अज्ञात सैनिक का भारत का स्मारक भी है।

5.राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (भारत) -> ब्रिटेन से स्वतंत्रता के बाद से, भारतीय सशस्त्र बलों के 25,000 से अधिक सैनिकों ने देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है।

6.मोदी सरकार ने सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की शुरूआत 4 फरवरी 2021 को निर्माण कार्य से शुरू की थी और इसे 2026 तक कई चरणों में समाप्त होने की योजना है।

7.पीएम मोदी ने 8 सितंबर,2022 को इंडिया गेट पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की प्रतीमा का उद्घाटन किया।