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राजस्थान पाषाण काल से लेकर आधुनिक युग तक
Top 10 Amazing Facts about Rajasthan | हिंदी –:राजस्थान को ‘राजाओं की भूमि‘ (Lands Of Kings) के नाम से जाना जाता है। क्योंकि यह महान राजपुत राजाओं की भूमि है। जिनमें राणा सांगा और महाराणा प्रताप जैसे वीर शामिल हैं। राजस्थान उत्तर भारत का एक सीमावर्ती राज्य है। यह कुल 342,239 वर्ग किलोमीटर (132,139 वर्ग मील) क्षेत्र में फैला हुआ है। जो पूरे भारत के क्षेत्रफल का 10.4% बनता है। अगर हम बात करें तो यह क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे बड़ा राज्य है। इसके अलावा जनसंख्या के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा राज्य है। राजस्थान इतिहास PDF Notes Download- Rajasthan History Pdf

भोगौलिक विस्तार
यह भारत के उत्तर-पश्चिम की ओर विस्तृत है। जहां विशाल थार मरुस्थल और दुर्गम क्षेत्र शामिल हैं। थार मरुस्थल को ‘ग्रेट इंडियन डेजर्ट‘ के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान सीमावर्ती राज्य होने से यह सतलुज – सिंधु नदी घाटी के साथ-साथ उत्तर-पश्चिम में पंजाब के पाकिस्तानी प्रांतों और पश्चिम में सिंध के साथ एक सीमा साझा करता है। यह पांच बड़े भारतीय राज्यों से घिरा हुआ है। जिनके साथ यह अपनी सीमा साझा करता है। इनमें उत्तर में पंजाब , उत्तर पूर्व में हरियाणा और उत्तर प्रदेश ,दक्षिण पूर्व में मध्य प्रदेश और दक्षिण पश्चिम में गुजरात हैं। इसका भोगौलिक विस्तार 23.3 से 30.12 उत्तरी अक्षांश और 69.30 से 78.17 पूर्वी देशांतर है, कर्क रेखा राजस्थान के सबसे दक्षिणी सिरे से होकर गुजरती है।
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ऐतिहासिक महत्व
भारत का राजस्थान राज्य ऐतिहासिक तौर पर महत्वपूर्ण है। इसमें प्रमुख ऐतिहासिक स्थान जैसे कालीबंगन और बालाथल में सिंधु घाटी सभ्यता के खंडहर , दिलवाड़ा मंदिर , राजस्थान के एकमात्र हिल स्टेशन , माउंट आबू , प्राचीन अरावली पर्वत श्रृंखला और पूर्वी राजस्थान में एक जैन तीर्थ स्थल, भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान पाए जाते हैं। राजस्थान में एक विश्व धरोहर स्थल है, जो भारत और विश्व में पक्षी जीवन संरंक्षण के लिए जाना जाता है। इसके अलावा यहां तीन राष्ट्रीय बाघ अभयारण्यों भी हैं, जैसे
- सवाई माधोपुर में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान ,
- अलवर में सरिस्का टाइगर रिजर्व
- कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व ।
राजस्थान राज्य का उदय
आधुनिक भारत में राजस्थान राज्य का गठन 30 मार्च 1949 को हुआ था। ब्रिटिश भारत सरकार ने इस राज्य की विशेषता को देखते हुए, इसे ब्रिटिश साम्राज्य में शामिल कर लिया था। इसकी राजधानी राज्य के सबसे बड़े शहर जयपुर में रखी गई।
राजस्थान की आर्थिक स्थिति
राजस्थान भारत का एक आर्थिक तौर पर बड़ा राज्य है। जिसकी सकल घरेलू उत्पाद ₹ 10.20 लाख करोड़ (US$130 बिलियन) है, जो भारत की सातवीं सबसे बड़ी राज्य अर्थव्यवस्था में शामिल है। इसकी प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद ₹ 118,000 (US$1,500) है।
इतिहास
राजस्थान भारत की वैदिक और सिंधु घाटी सभ्यता का हिस्सा था। जिसमें हनुमानगढ़ जिले में कालीबंगा , सिंधु घाटी सभ्यता की एक प्रमुख प्रांतीय राजधानी हुआ करती थीं। उदयपुर जिले के बालाथल स्थल से एक पुरातात्विक उत्खनन से मालूम चला है कि यह 3000-1500 ईसा पूर्व की हड़प्पा सभ्यता में शामिल रहा था. राजस्थान इतिहास PDF Notes Download- Rajasthan History Pdf
इसके अलावा, राजस्थान के दो प्रमुख जिलों बूंदी और भीलवाड़ा में 5,000 से 200,000 वर्ष के पाषाण काल की चीजें मिली हैं। वैदिक सभ्यता में यह मत्स्य साम्राज्य राज्य से जुड़ा हुआ था। क्योंकि जयपुर इसका एक महत्त्वपूर्ण स्थान था। जिसमें भरतपुर और अलवर भी शामिल था। मत्स्य की राजधानी ‘विराटनगर‘ था। जिसका संस्थापक ‘राजा विराट‘ था। भार्गव, जयपुर, झुंझुनू और सीकर राजस्थानी जिले तथा महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी हरियाणवी जिले ब्रह्मवर्त के वैदिक राज्य के रुप में जानें जाते थे। जिनमें मां सरस्वती बहती थी। जोकि वैदिक काल में सबसे पवित्र नदी मानी जाती थी। मनु और भृगु ने भी इस क्षेत्र की मनु स्मृति में व्याख्या की है। राजस्थान की धरती पर भृगु और उनके पुत्र च्यवन ऋषि भी रहा करते थे। इन्हें के लिए पहली बार च्यवनप्राश तैयार किया गया था। यह स्थान अब राजस्थान के झुंझुनू जिले के धोसी गांव में है। इसके अलावा कुछ भाग हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में भी पड़ता है। राजस्थान इतिहास PDF Notes Download- Rajasthan History Pdf
पश्चिमी शासक (405-35 ईसा पूर्व)
भारत के उत्तरी भाग पर 405-35 ईसा पूर्व के बीच पश्चिमी शासको ने राज किया था। जिनमें शक शासक, इंडो-सीथियन शामिल थे। कुषाण भी इन्हीं के समकालीन था।
भारत के पश्चिमी भाग के शक शासक, इंडो-सीथियन के उत्तराधिकारी थे और कुषाणों के समकालीन थे , जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग पर शासन किया था । इंडो-सीथियन का उज्जैन में अधिक समय तक शासन रहा था। शक शासकों ने अपने एक कैलेंडर शक संवत को चलाया था। 10वीं से 12 वीं शताब्दी के बीच प्रतिहार शासकों ने भी शासन किया था। जिस कारण उन्हें गुर्जरात्रा भी कहा जाता था।
मध्यकाल
मध्यकाल में राजस्थान पृथ्वीराज चौहान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था। पृथ्वीराज चौहान ने अरब मुस्लिम आक्रमणकारी मुहम्मद गोरी को 1191 में तराइन के युद्ध में हराया था। किंतू 1192 में दूसरे तराइन युद्ध में पृथ्वीराज चौहान की पराजय के बाद, इस क्षेत्र का एक बड़ा हिस्स मुस्लिम शासक के अधीन आ गया। उनकी शासन केंद्र नागौर और अजमेर था। इसके अलावा रणथंभौर पर भी उनका कब्ज़ा था। 13वीं शताब्दी आते आते राजस्थान का मेवाड़ एक शाक्तिशाली राज्य उभकर आया। राजस्थान इतिहास PDF Notes Download- Rajasthan History Pdf
पृथ्वीराज चौहान ने 1191 में तराइन की पहली लड़ाई में हमलावर मुहम्मद गोरी को हराया । 1192 सीई में, मुहम्मद गोरी ने तराइन की दूसरी लड़ाई में पृथ्वीराज को निर्णायक रूप से हराया । 1192 ई. में चौहान की हार के बाद राजस्थान का एक हिस्सा मुस्लिम शासकों के अधीन आ गया। उनकी शक्तियों के प्रमुख केंद्र नागौर और अजमेर थे। रणथंभौर भी उनके अधीन था। 13वीं शताब्दी के प्रारंभ में राजस्थान का सबसे प्रमुख और शक्तिशाली राज्य मेवाड़ था। राजपूतों ने भारत में मुस्लिम घुसपैठ का विरोध किया, हालांकि कई राजपूत राज्य अंततः दिल्ली सल्तनत के अधीन हो गए । राजस्थान इतिहास PDF Notes Download- Rajasthan History Pdf
मेवाड़ के शासक राणा सांगा ने हमेशा बाहरी शासकों का विरोध किया। राणा हमीर सिंह ने तुगलक वंश के शासक को हराया और राणा कुम्भा ने मालवा , नागौर और गुजरात के मुस्लिम सुलतानों को हराया। इन्होंने मेवाड़ को भारत का एक शक्तिशाली राज्य बनाया था। इसके बाद, उदय सिंह और महाराणा प्रताप जैसे महान राजपुत आए। जिन्होंने अकबर का सामना किया।
आधुनिक युग में राजस्थान
ब्रिटिश साम्राज्य के समय राजस्थान में केवल दो प्रमुख राजपूत राज्य बचे थे। जिनमें मारवाड़ और अजमेर प्रमुख थे। जैसलमेर, बीकानेर , मेवाड़ (चित्तौड़गढ़), मारवाड़ (जोधपुर), धुंधार (जयपुर) और अलवर छोटी रियासतें थीं। इनमें दो प्रमुख जाट भरतपुर और धौलपुर रियासतें थीं। एक टोंक भी पठान रियासत हुआ करती थीं।