भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल के कपिलवस्तु लुंबनी (KapilVastu Lumbni) में हुआ था। जिसके राजा उनके पिता शुद्धोधन थे। उनकी माता का नाम महामाया था। जिनकी मृत्यु बुद्ध के जन्म के 9 दिन बाद हो गई थी। इसलिए इनका लालन पालन “मौसी प्रजापति गौतमी (Prajapati Gautami)” ने किया था। तभी सिद्धार्थ गौतम कहलाए।
महात्मा बुद्ध का परिवारिक जीवन | |
---|---|
माता | महामाया |
पिता | शुद्धोधन, वह नेपाल के कपिलवस्तु (लुंबनी) के राजा थे व शाक्य क्षत्रिय वंश से संबंधित |
बु द्ध का जन्म | 563 बीसी |
मां की मृत्यु | बुद्ध के जन्म के 7 से 9 दिनों बाद |
बुद्ध का पालन पोषण किया | मौसी प्रजापति गौतमी, इन्हीं के उपनाम से बुद्ध गौतम कहलाए |
बच्चन का नाम | सिद्धार्थ |
पत्नी | यशोधरा |
पुत्र | राहुल |
मृत्यु | कुशीनगर, 483 बीसी में |
जब बुद्ध का सांसारिक जीवन से मोह भंग होने लगा तो उन्होंने ज्ञान की तलास में गृह त्याग करने का निर्णय लिया। इसके बाद कई वर्षों तक बुद्ध भटकते रहे। कई गुरू बनाए और कई विख्यात साधुओ से वह मिलें।
बुद्ध का परिवार त्याग | |
---|---|
घर छोड़ा | 550 बीसी में, यह इतिहास में महाभिनिष्क्रसण कहलाया है |
गुरु | आलार कलाम |
दूसरे गुरु | रुद्रक रामयुंत |
प्रिय शिष्य | उपाली और आनंद |
शुद्र शिष्य | तपस और मल्लिक |
बुद्ध के उपदेश संग्रह | जातक कथाएं |
तपस्या की | 14 वर्ष |
ज्ञान प्राप्ति के समय बुद्ध की उम्र | 35 वर्ष |
पत्नी | यशोधरा |
जब महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति कहीं नही हुई। तब वह बिहार में गया नामक स्थान पर आ गए और उन्होनें वहां “पीपल वृक्ष” के नीचे व “पुनपुन नदी (Punpun River)” के तट पर ज्ञान प्राप्त किया।
गौतम बुद्ध कहलाए | |
---|---|
स्थान | बिहार, गया |
पेड़ | महात्मा बुद्ध को पीपल वृक्ष के नीचे व निरंजना या पुनपुन नदी के तट के पास से पूर्णिमा की तिथि को ज्ञान की प्राप्ति हुईं थीं |
ज्ञान प्राप्ति का स्थान | बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति होने के बाद, गया बोधगया और पीपल का पेड़ बोधि वृक्ष के नाम से जाना गया, सिद्धार्थ गौतम बुद्ध कहलाए |
ज्ञान प्राप्ति की तिथि | पूर्णिमा |
बुद्ध मन्दिर | बौद्ध विहार |
बुद्ध का अर्थ | बुद्ध का अर्थ, जिसे ज्ञान की प्राप्ति हो गई हो |
बुद्ध का जन्म एक ऐसे समय में हुआ था। जब भारतीय समाज में ढेर सारी कुरीतिया विद्यमान थी। इसीलिए बुद्ध ने समाज की कुरीतिओं को दूर करने की कोशिस की। जिसमे वह किसी हद तक सफल भी हुए थे। लेकिन बुद्ध की मृत्यु के बाद बौद्ध धर्म में अनेकों कुरीतियां का वसेरा हो गया। तब भारतीय लोगो का इस पर से विश्वास उठता चला गया। एक समय था जब ऐसा लग रहा था कि बोध धर्म पुरे देश में फ़ैल जायेगा। लेकिन हिन्दू धर्म ने एकीकरण के माध्यम से बौद्ध धर्म के सर्वमान्य सिद्धांतों, नियमों एवं नीतियों का स्वयं में विलीन कर लिया। कुछ विद्वानों के कथनानुसार भारतवर्ष से बौद्ध धर्म के समाप्त हो जाने का कारण बौद्ध विहारो में अनैतिकता का बढ़ना। दूसरी तरफ हिन्दु धर्म और बौद्ध धर्म के बीच पृथकता एवं नवीनीकरण का भेद समाप्त होने लगा।जिसका परिणाम यह हुआ कि बौद्ध हिन्दू धर्म को अपनाने लगे तथा बौद्धों की संख्या भारत में धीरे-धीरे कम होने लगी। यही कारण है कि भारत से बौद्ध धर्म का पतन हो गया।
बुद्ध के उपदेश | |
---|---|
प्रथम उपदेश | सारनाथ में |
सबसे ज्यादा उपदेश | श्रावस्ती में |
बुद्ध के उपदेशों से संबंधित शहर | सारनाथ, कोशांबी और श्रावस्ती |
बौद्ध संघ की स्थापना | सारनाथ में |
सारनाथ में |
बिंबिसार एक ऐसा शासक है। जिसने महात्मा बुद्ध और महावीर स्वामी दोनों को देखा था। इसने इन दोनों का सान्निध्य प्राप्त किया था।
बुद्ध के समय के अन्य तथ्य | |
---|---|
राजा | बिंबिसार, जो महावीर स्वामी और बुद्ध दोनों के समय में थे |
भाषा | पाली (Pali) |
घोड़ा | कंथक (kathak) |
सारथी | चन्ना |
महान अशोक | सम्राट अशोक बुद्ध धर्म का अनुयायी था |
त्यौहार | गुरु पूर्णिमा |
पहली महिला शिष्य | मौसी प्रजापति गौतमी |
बौद्ध धर्म बंटा | हिनयान और महायान में, हीनयान मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते, जबकि महायान मूर्ति पूजा करते |
सोने के पैगोंडा की भूमि | म्यामार |
विनय पिटक का संकलानकर्ता | बुद्ध शिष्य उपालि |
दुनिया बौद्ध धर्म अनुयायी | लगभग 53 करोड़ (7%) |
बौद्ध देश | लगभग 20 |
बुद्ध जाने जातें | एशिया का ज्योति. पुंज |
सुतपिटक का संकलनकर्ता | आनंद |
गंधार और मथुरा कला शैली | यह दोनों कला शैलियां कनिष्क के जीवन काल में आई थी |
बौद्ध धर्म की संगीतियाँ
तारीख | स्थान | वंश | राजा | अध्यक्ष |
---|---|---|---|---|
483बीवी | राजगृह, सप्तवर्णी गुफाएं | हर्यक वंश | अजात शत्रु | महाकास्यप |
383 बीवी | वैशाली | शिशुनाग वंश | कालाशोक | सवाकामी |
250/255बीवी | पाटलिपुत्र | मौर्य राजवंश | सम्राट अशोक | मोगली पुत्र तिस्स |
178 बीसी | कश्मीर कुंडलवन | कुषाण वंश | राजा कनिष्क | वसु मित्र अश्व घोष |