ब्रह्मांड के बारे में महत्वपूर्ण फैक्ट्स हिंदी में -Hindustan Special

1.हमारे सौर मंडल में 4 ग्रह ऐसे हैं जिन्हें गैसीय ग्रह कहा जाता है।
- बृहस्पति,
•शनि,
•यूरेनस
•नेपच्यून।
यह सभी गैसों से बने ग्रह हैं। जो अधिकतर हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों से बने हुए हैं। इनमें बृहस्पति ग्रह सबसे बड़ा गैसीय ग्रह है।
2.सूर्य हर 25 – 35 दिनों में एक बार पूर्ण चक्कर लगाता है।
हमारी पृथ्वी का एक पूर्ण घूर्णन एक पूर्ण दिन के बराबर होता है। जबकि हमारे सौर मंडल का केंद्र सूर्य एक पूर्ण चक्कर लगाने में 25 से 35 पृथ्वी दिन लगते हैं।
3.नासा के क्रेटर ऑब्जर्वेशन एंड सेंसिंग सैटेलाइट (एलक्रॉस) को चन्द्रमा पर पानी के सबूत प्राप्त हुए।
चंद्रमा की सतह पर पानी वर्तमान भोगौलिक स्थिति के कारण उपस्थित नहीं है। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि चन्द्रमा पर पानी बर्फ के रूप में चन्द्रमा के दो ध्रुवों पर है, जहां जीवन भी संभव हो सकता है।
4.हमारे सौर मंडल के किसी भी ग्रह की तुलना में शुक्र पर अधिक ज्वालामुखी हैं।
शुक्र ग्रह की सतह पर 1,600 से ज्यादा प्रमुख ज्वालामुखी हैं, जिनमें 8 किमी ऊंचा ज्वालामुखी भी शामिल है। इसको माट मॉन्स भी कहा जाता है। किंतू इन सभी ज्वालामुखी में हाल में कोई बिस्फोट नहीं देखा गया है और अधिकतर ज्वालामुखी लंबे समय से विलुप्त या शांत हैं।
5.दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान मेरिनर 10 था, जिसने बुध ग्रह की पहली बार यात्रा की थी।
अंतरिक्ष यान मेरिनर 10 ने पहली बार 1974 में यात्रा की थी। यह पहला अंतरिक्ष यान था, जो बुध की कक्षा में गया था। मेरिनर 10 को 1973 में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में लॉन्च किया गया था। यह शुक्र ग्रह को पार कर 3 महीने में बुध ग्रह पर पहुंचा था। इसने बुध ग्रह की 45% आकार की तस्वीर ली थी। मेरिनर 10 के बाद, बुध ग्रह की यात्रा दूसरे अंतरिक्ष यान “मैसेंजर” की थी। इसी ने 2013 में बुध ग्रह की 100% का मानचित्र बनाया था।
6.अंतरिक्ष एक पूर्ण शांति की जगह है।
अंतरिक्ष हमेशा चुप रहता है अर्थात् पूरी तरह से शांत रहता है। जिसका कारण निर्वात है। क्योंकि अंतरिक्ष में हवा नही पाई जाती है। ध्वनि के विचरण के लिए हवा एक महत्वपूर्ण माध्यम होती है। इसलिए अंतरिक्ष में बगल में बैठा व्यक्ति भी आबाज़ नहीं सुन सकता है।
7.पृथ्वी की अंतरिक्ष में गति है।
हमारी पृथ्वी अंतरिक्ष में बड़ी तेज गति से यात्रा करती है। अंतरिक्ष में पृथ्वी की गति 67,000 किलोमीटर प्रति घंटा होती है।
पृथ्वी अपने घूर्णन बिंदु पर भी गति करती है, जिससे पृथ्वी पर दिन रात होते हैं।
8.हमारे सौरमंडल की आयु है।
हमारा ब्रह्मांड आज से 13 अरब प्रकाश वर्ष पहले बना था। लेकिन हमारे सौरमंडल की उत्त्पति आज से 4.57 अरब साल पहले हुई थी। जिसमे एक सूर्य और 8 ग्रह शामिल हैं। सूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र बिंदु है और उसमें पूरे सौरमंडल का 99.97% द्रव्यमान शामिल है।
9.सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी है।
हमारी पृथ्वी सूर्य से रहने योग्य क्षेत्र में उपस्थित है। जिससे हमारी पृथ्वी पर जीवन है। ज्ञात ग्रहों में पृथ्वी पर ही जीवन है। सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है।
10.दुनिया का पहला कृत्रिम उपग्रह था।
दुनिया में कृत्रिम उपग्रह क्रांति पूर्व सोवियत संघ द्वारा लाई गई थी। दुनिया का पहला कृत्रिम उपग्रह स्पूतनिक था, जिसको पृथ्वी की निचली कक्षा में 4 अक्टूबर 1957 को लॉन्च किया गया था। तब रूस में सोवियत संघ एक विश्व शक्ती बन कर उभरा था।
11.मानव ब्रह्मांड के कितने % हिस्से को देख सकता है?
मानव सभ्यता ने ब्रह्मांड के बारे में बहुत कुछ जानकारी हासिल कर ली है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मानव ब्रह्मांड के 5% हिस्से को ही देख पा रहा है। अर्थात् हम धरती से 5% ब्रह्मांड को ही देखते हैं।
ब्रह्मांड की संरचना
ब्रह्मांड का 68% हिस्सा डार्क ऊर्जा से बना हुआ है और 27% डार्क पदार्थ से बना हुआ। ये दोनों हिस्से हमारी आंखों के लिए अदृश्य हैं। यहां तक कि टेलिस्कोप से भी इस हिस्से को देखा नही जा सकता है।
12.एक पल्सर स्टार क्या होता है?
एक पल्सर तारा अत्यधिक चुंबकीय घूर्णन वाला एक न्यूट्रॉन तारा होता है, जो अपने चुंबकीय ध्रुवों से विद्युत चुम्बकीय विकिरण के बीम उत्सर्जित करता है। इसके विकिरण को तभी देख पाना संभव है जब इसकी उत्सर्जन की किरण पृथ्वी की ओर गति करें।
एक पल्सर तारा तभी बनता है, जब एक विशाल तारा ढह जाता है। इससे तारे की ईधन की। आपूर्ति समाप्त हो जाती। यह ब्रह्मांड में सबसे शक्तिशाली और बेहद खतरनाक विस्फोट को अंजाम देता है। यह एक सुपरनोवा के रूप में ब्रह्मांड में फट जाता है।
पल्सर की ख़ोज प्रोफेसर डेम जॉक्लिन बेल बर्नेल ने 1967 में की थी। उन्होंने यह उपलब्धि न्यू हॉल (अब मरे एडवर्ड्स कॉलेज) में स्नातकोत्तर में की थी। पल्सर तारे का क्षेत्रफल मात्र 20 (12 मील) होता है।
13.एक नेबुला क्या होता है?
नेबुला अंतरिक्ष में धुल और गेसों का एक बादल होता है। कुछ नेबुला मारे हुए तारों की। गंध से आतें हैं। जैसे एक पल्सर सुपरनोवा तारा होता है।
हालाकि अधिकतर नेबुला धूल और गैसों से बने होते हैं। जिनसे अनेक तारें बनते हैं। इसलिए नेबुला अंतरिक्ष में एक विशाल बादल होता है।