Chagos Islands In Hindi:ब्रिटिश उपनिवेश ‘ब्रिटिश इंडियन ओसियन टेरीटरी’, जो आज भी आज़ादी के लिए तरस रहा

Chagos Islands In Hindi:ब्रिटिश उपनिवेश ‘ब्रिटिश इंडियन ओसियन टेरीटरी’, जो आज भी आज़ादी के लिए तरस रहा
british indian ocean territory diego garcia

ब्रिटिश साम्राज्य (Chagos Islands In Hindi) के पापों को लिस्ट वर्तमान समय में खुलकर सामने आ रही है। क्योंकि ब्रिटेन ने भारत को विभाजित कर पाकिस्तान नाम का देश बनाया और भारत से बहुत से हिस्सों को अलग कर दिया। इसी तरह ब्रिटेन ने मॉरीशस के साथ किया। 

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दरअसल आप कल्पना करो कि यदि ब्रिटेन 1947 में भारत को आजादी दे रहा था तभी वह भारत के किसी राज्य को अपना overseas territory मानकर रखता। तो क्या यह भारत को मंजूर होता। इसी तरह ब्रिटेन ने Mauritius को आज़ादी दे दी। किंतू उसने मॉरीशस के Diego Garcia Island को अपना विदेशी क्षेत्र बनाए रखा। यहां पर ब्रिटेन ने बड़ी चालाकी से चाल चली और मॉरीशस के द्वीपसमूह को 1965 में अलग कर दिया।

यहीं बात मॉरीशस कह रहा है कि चागोस द्वीप समूह (Chagos Islands In Hindi) कम से कम 18 वीं शताब्दी से उसके क्षेत्र का हिस्सा रहा है, जब तक कि यूनाइटेड किंगडम ने 1965 में मॉरीशस से द्वीपसमूह को तोड़ नहीं दिया।

ब्रिटिश तर्क

यूके ने मॉरीशस को आज़ादी देने से पहले नवंबर 1965 में इन द्वीपों को एक विदेशी क्षेत्र (overseas territory) के रूप में घोषित किया। 1968 में मॉरीशस द्वारा यूके से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, यूनाइटेड किंगडम ने चागोस द्वीप समूह को मॉरीशस को वापस करने से इनकार कर दिया, यह दावा करते हुए कि स्थायी मध्यस्थता न्यायालय को प्रस्तुत याचिकाओं में द्वीप की आवश्यकता थी।  “रक्षा उद्देश्यों के लिए हिंद महासागर में कुछ द्वीपों का उपयोग करने की संयुक्त राज्य की इच्छा को समायोजित करें”।

डिएगो गार्सिया यूएस का सैन्य अड्डा

डिएगो गार्सिया यूएस के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण द्वीप है, क्योंकि Chagos Islands In Hindi का सबसे बड़ा द्वीप डिएगो गार्सिया है, जहां यूएस और यूके का एक बड़ा सैन्य अड्डा है। जिसका यूएस ने 2000 के दशक में अफगानिस्थान और इराक में अमेरिकी सैन्य बलों द्वारा बॉम्बिंग करने में किया गया। इसके अलावा 1 सितंबर, 2001 के अमेरिका में आतंकी हमलों के बाद, यह यूएस की खुफिया एजेंसी सीआईए पूछताछ स्थल बन गया।

संयुक्त राष्ट्र महासभा और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय से ब्रिटेन को झटका

ब्रिटिश विदेश सचिव के रूप में बॉरिस जॉनसन ने 2017 में भारत की यात्रा की थी। तब बोरिस जॉनसन एक महत्वपूर्ण राजनयिक लक्ष्य हासिल करने में विफल हो गए थे। ब्रिटिश पीएम जॉनसन भारत की सरकार को अपने सहयोगी मित्र मॉरीशस को चागोस द्वीपसमूह की संप्रभुता को लेकर ब्रिटेन के खिलाफ राजनयिक आक्रमण शुरू करने से रोकने के लिए मनाने में असमर्थ रहे थे। भारत ने हमेशा colonialism का विरोध किया। तभी तो भारत ने हमेशा अपने सहयोगी के साथ संयुक्त राष्ट्र महासभा और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सहित सभी राजनयिक प्रकरणों के दौरान मॉरीशस के साथ खड़ा रहा। जहां उसकी जीत हुई और ब्रिटेन की हार।

भारत मामला सुलझा सकता

भारत भी नही चाहता है कि डिएगो गार्सिया द्वीप से अमेरिकी सैनिक बेस खत्म हो जाए। क्योंकि यहीं यूएस की परमाणु पनडुब्बी, खतरनाक लड़ाकू विमान और परमाणु युद्धपोत रहते हैं। जिससे हिंद और प्रशान्त महासागर में चीन की हरकतों पर अमेरिका नकेल कसके रखता है। यहीं कारण है कि भारत ऐसा हल निकालना चाहता है कि ब्रिटेन और यूएस भी खुश रहें और मॉरीशस को डिएगो गार्सिया द्वीप अधिकारिक तौर पर उसका माना जाए।

इस मामले में एक हल हो सकता है और वो डिएगो गार्सिया द्वीप पर ब्रिटेन मॉरीशस की संप्रभुता स्वीकार कर ले। दूसरी ओर, मॉरीशस डिएगो गार्सिया द्वीप को यूएस को 99 वर्षों के लिए लीज पर दे। जिससे मॉरीशस को यूएस से अरबों डॉलर मदद मिलेगी और  डिएगो गार्सिया द्वीप भी उसका क्षेत्र कहलाएगा। इसी हल से भारत की भी सुरक्षा हित जुड़ा हुआ है। भारत नही चाहता है कि यूएस डिएगो गार्सिया द्वीप से अपना सैन्य बेस कैंप हटा ले। इससे चीन इस क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित कर लेगा। ये भारत के लिए बिल्कुल मुफीद नही होगा।

डिएगो गार्सिया द्वीप

यह एक ब्रिटिश भारतीय सामुद्रिक क्षेत्र (What is British Indian Ocean Territory) कहलाता है। यह एक विवादित यूके का विदेशी क्षेत्र है। जिस पर मॉरिशस अपना दावा करता है। यह चागोस आइलैंड्स में से सबसे बड़ा है। इसका कुल क्षेत्रफल 30 वर्ग किमी तक फैला हुआ है। इसकी कुल लंबाई 24 किमी और आबादी 4239 है।  

सामान्य रूप से वहां 1700 सैन्य बलों के लोग और 1500 नागरिक कॉन्ट्रैक्टर्स रहते हैं। इसको ब्रिटेन ने यूएस को लीज पर दे रखा है। जिसको वह एक सैन्य बेस कैंप के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

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