हिंदू लड़की अंकिता सिंह के हत्यारे को बचा रहा था डीएसपी नूर मुस्तफा

रांची: भारत के झारखंड राज्य के दुमका में शाहरुख हुसैन नाम के मुस्लिम शख्स ने अंकिता सिंह नाम की नाबालिग हिंदू लड़की को आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद पीड़िता अंकिता की इलाज के दौरान तड़प-तड़प कर मौत हो गई। दूसरी तरफ, राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने विधायकों के साथ लतरातू में सैर सपाटा मना रहे हैं।

इसके अलावा अपराधी शाहरुख की एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें वह पुलिस कस्टडी में हंसने और मूछों पर टिफ देते दिख रहा है। जिससे इतना साफ़ हो गया कि उसको झारखंड पुलिस से बिल्कुल डर नहीं लगता है। जिसकी कलई खुल गई, क्रूर हत्याकांड को अंजाम देने और उसके सामने फंदा देखने के बाद शाहरुख को डर क्यों नहीं लगा।

दरअसल इसकी वजह स्थानीय मुस्लिम डीएसपी नूर मुस्तफा है, जो हिन्दू लड़की अंकिता सिंह के हत्यारे को बचाने पर तुले बैठा हुआ है। इसका विरोध करने वाले हिन्दू धर्म के लोगों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन से शिकायत की थी, प्रशासन ने हिंदुओं की एक बात नहीं सुनी। वहीं झारखंड के पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने कुछ दस्तावेज साझा कर कहा है कि यह डीएसपी नूर मुस्तफा के आदिवासी विरोधी और सांप्रदायिक होने का सबूत है, जिन्हें अंकिता हत्याकांड के आरोपी शाहरुख को बचाने के प्रयास में निशाना बनाया गया था.

पूर्व सीएम मरांडी ने खुलाशा करते हुए बताया है कि एक आदिवासी शोषक जुल्फिकार पर एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और वह जेल भी गया, लेकिन डीएसपी मुस्तफा ने 90 दिनों तक चार्जशीट दाखिल ही नहीं की। मरांडी द्वारा साझा किए गए दस्तावेज़ में जज साहब के हस्ताक्षर के साथ वही शब्द लिखें हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि यही कारण है, जिससे इसी आधार पर जुल्फिकार को जमानत भी दी गई. उन्होंने बताया कि जुल्फिकार के जेल से छूटने के कुछ देर बाद ही डीएसपी नूर मुस्तफा ने चार्जशीट दाखिल कर दी।

पूर्व सीएम मरांडी ने पूछा है, ‘आदिवासियों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी, बताओ ऐसा अफसर जेल में होना चाहिए या नहीं?’ वहीं पूर्व सीएम और बीजेपी नेता रघुवर दास ने भी झारखंड में जनसांख्यिकी बदलने की साजिश को लेकर बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि दुमका कांड से पूरी मानवता, समाज और झारखंड शर्मसार हो गया है. उन्होंने दावा किया कि राज्य में आदिवासी लड़कियों और महिलाओं के साथ 1000 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं.

रघुबर दास ने आगे कहा, ‘यह कोई सामान्य घटना नहीं है, क्योंकि एक खास संप्रदाय के लोग ‘लव जिहाद’ के जरिए जनसांख्यिकी बदलने में लगे हुए हैं। वे न केवल जनसांख्यिकी बदलना चाहते हैं, बल्कि जमीन पर जिहाद भी कर रहे हैं। बांग्लादेशी जिहादियों और आतंकियों ने अब तक 10,000 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया है। मैं झारखंड सरकार से मांग करता हूं कि एसआईटी बनाकर इस पर फास्ट ट्रैक पर मुकदमा चलाया जाए।’